रुड़की सिंचाई विभाग के आवासों को गैर सरकारी लोगों को दिए जाने पर हाईकोर्ट भी बेहद सख्त नजर आ रहा है इस बाबत हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए नियम विरुद्ध आवासों का आवंटन करने वाले अधिकारियों पर तत्काल अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश सरकार को दिए हैं।
- गौरतलब है की रुड़की सिंचाई परिकल्प खंड ने भी बाहरी लोगों को बड़े पैमाने पर आवास आवंटित किए हैं इतना ही नहीं विभागीय कर्मचारी आवास के लिए दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं उन्हें आवास तक नहीं मिल पा रहे हैं जबकि विभागीय अधिकारी नियम और कानून को ताक पर रख धडल्ले से बाहरी लोगों को आवास आवंटित कर रहे हैं।
आलम यह है की एक विभागीय महिला कर्मचारी आवास के लिए दर दर भटक रही है तो वही कुछ विभागीय कर्मचारी अपने आवासों को बाहरी लोगों को किराए पर देकर मोटी रकम भी वसूल रहे हैं ।हालांकि ऐसे मामलों से विभागीय अधिकारी भी बेखबर बने रहते हैं। दरअसल सिविल लाइन स्थित एक रिटायर्ड पुलिस कर्मी ने जो फिलहाल यूपी में रहता है उसने अपने आवास को किराए पर दे रखा है जिसके लिए कई बार सिंचाई परिकल्प खंड के अधिकारी पत्राचार भी कर चुके हैं लेकिन अभी तक भी वह भी खाली नहीं कराया जा सका है।
बताया जाता है की उक्त आवास को पुलिस कर्मी द्वारा किराए पर दे रखा है हैरत की बात यह है की रिटायर्ड पुलिस कर्मी का विभाग के आवास पर 2020 से कब्जा है जिसने आज तक भी विभाग को किराए का भुगतान तक नहीं किया है पुलिस कर्मी पर विभाग का दो लाख से अधिक का किराया बकाया चल रहा है।वहीं दूसरी तरफ एक रिटायर्ड कर्मचारी के आवास आवंटन का मामला भी कोर्ट में पहुंच चुका है जिस पर एक लाख तीस हजार से अधिक का किराया बकाया है
ना तो यह महोदय किराए का भुगतान कर रहे और ना ही आवास खाली कर रहे जबकि विभाग की कर्मचारी रणजी देवी अपने लिए लगातार विभागीय अधिकारियों के चक्कर लगा कर थक चुकी हैं लेकिन उन्हें आज तक भी आवास उपलब्ध नहीं हो पाया है । आवास आवंटन समिति ने जिस तरह से आवास आवंटन किए हैं अगर उनकी सही तरीके से जांच की जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जाएगा।
दरअसल विधि के छात्र निधि निषाद ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करते हुए कहा था की सिंचाई विभाग द्वारा 2004से 2021-22 तक गैर सरकारी व्यक्तियों को आवास आवंटित किए है। जिनमें जनप्रतिनिधि,पुलिस अधिकारी,प्रशासनिक अधिकारी,अधिवक्ताओं, एल आई सी कर्मचारी,राजस्व,वन व्यापार कर के कर्मचारियों को आवास आवंटित किए गए हैं।इस बाबत हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार से जवाब तलब किया है इतना ही नहीं सरकार से शपथ पत्र के माध्यम से इन आवासों का आवंटन किस नीति के तहत हुआ है इसकी जानकारी देने के लिए भी कहा है।