रूड़की में निजी अस्पताल संचालकों की मनमानी रुकने का नाम नही ले रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की सख्त चेतावनी के बाद भी निजी अस्पताल संचालक बाज नही आ रहे हैं। वही रुड़की पहुंचे एसीएमओ हरिद्वार डॉक्टर अनिल वर्मा ने एक नीचे अस्पताल को बंद कराकर पचास हजार का जुर्माना भी लगाया है।
आपको बता दें कि कुछ महीने पहले रूड़की के सरकारी अस्पताल के पास स्थित डायमंड अस्पताल में महिला की प्रसव के बाद मौत हो गई थी वहीं महिला के पति ने आरोप लगाया था कि उन्हें सरकारी अस्पताल से बहला फुसलाकर लाया गया था और अस्पताल की लापरवाही के चलते उनकी पत्नी की मौत हुई है जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग से पहुँचे एसीएमओ अनिल वर्मा ने अस्पताल में ताला लगवाया था और पूरे मामले को जाँच के निर्देश दिए थे लेकिन बिना किसी आदेश के अस्पताल पर डायमंड़ अस्पताल के बदले जीवनदीप नर्सिंग होम का बोर्ड लगाकर अस्पताल को खोल दिया गया जिस पर एसीएमओ अनिल वर्मा से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि ऐसे कोई आदेश नहीं हुए हैं जिस पर एसीएमओ अनिल वर्मा आज रुड़की पहुंचे और अस्पताल का निरीक्षण किया गया। वहीं अस्पताल संचालक को टीम के आने की भनक लगने के बाद मौके पर दोबारा ताले लगा दिए गए लेकिन अस्पताल पर जो बोर्ड लगा हुआ था वह बोर्ड डायमंड हॉस्पिटल की जगह जीवनदीप नर्सिंग होम पाया गया जिस पर एसीएमओ ने अस्पताल संचालक को तुरंत बोर्ड हटाने के निर्देश दिए अन्यथा कानूनी कार्रवाई करने की बात कही साथ ही साथ पास ही में दूसरे अमृत हॉस्पिटल को भी एसीएमओ द्वारा बंद कराया गया जो पहले ग्लोबल असप्ताल के नाम से बंद कराया गया था। इस अस्पताल पर भी कोई रजिस्ट्रेशन नही मिला। बड़ा सवाल यह बनता है कि जब अधिकारियों द्वारा डायमण्ड अस्पताल को बंद कराया गया था तो ताले की चाभी आखिर अस्पताल संचालक के पास कैसे आई। रुड़की क्षेत्र में कई ऐसे हॉस्पिटल हैं जहाँ पर बोर्ड तो बड़े-बड़े लगे होते हैं लेकिन मौके पर वहाँ डॉक्टर मौजूद नहीं होता जिसके नाम का बोर्ड अस्पताल पर लगा होता है। वहीं एसीएमओ अनिल वर्मा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग का आमजन के जीवन से खिलवाड़ करने वाले अस्पतालों के खिलाफ अभियान जारी है और लगातार कार्रवाई चलती रहेगी।